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साइबर फ्रॉड में खोए पैसे कैसे वापस पाएं? जानिए पूरा कानूनी तरीका

🔴 साइबर फ्रॉड में खोए पैसे कैसे वापस पाएं? जानिए पूरा कानूनी तरीका

एडवोकेट अनुराग भाटी, www.lawyerhelp.xyz


आजकल साइबर ठग तरह-तरह के बहानों से लोगों को फंसा कर उनके बैंक अकाउंट से लाखों रुपये ठग लेते हैं। साइबर फ्रॉड में सिर्फ भोले भाले लोग ही नहीं बल्कि अच्छे खासे पढ़े लिखे लोग , बैंक , पुलिस अथवा आर्मी से रिटायर्ड , कॉर्पोरेट में नौकरी करने वाले एक से बढ़कर एक सब फंस जाते है जिसकी वजह होती है या तो किसी भी चीज़ का डर अथवा ज्यादा मुनाफे का लालच ।

ये ठग खुद को कभी पुलिस अफसर, कभी बैंक अधिकारी, तो कभी गरीब बच्चों या अनाथालय की मदद करने वाला समाजसेवी बताकर भोले-भाले लोगों से वीडियो कॉल या फोन कॉल पर संपर्क करते हैं।

कई बार वे मोबाइल कॉल को जबरदस्ती चालू रखते हैं ताकि पीड़ित किसी से बात न कर सके और सीधे बैंक से पैसे ट्रांसफर कर दे।

लेकिन अगर आप या आपके किसी जानकार के साथ ऐसा हो गया है, तो घबराइए नहीं – आप अपने पैसे वापस भी पा सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको कुछ जरूरी कानूनी कदम तेजी से उठाने होंगे।


📌 पहला कदम: तुरंत शिकायत करें

जैसे ही आपको लगे कि आप साइबर ठगी के शिकार हो गए हैं:

  1. तुरंत www.cybercrime.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।
  2. इसके साथ ही अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन जाकर भी FIR दर्ज कराएं।

🛑 पुलिस क्या करेगी?

पुलिस आपकी शिकायत के आधार पर:

  • उस बैंक अकाउंट को ट्रेस करेगी जिसमें आपने पैसे ट्रांसफर किए थे।
  • उस अकाउंट और संबंधित दूसरे खातों को फ्रीज़ (अस्थायी रूप से बंद) करवाने का प्रयास करेगी।
  • बैंक को उन खातों को फ्रीज़ करने का निर्देश देगी जिनमे पैसा ट्रांसफर हुआ है है

⚖️ इसके बाद क्या करें? वकील की मदद लें

एक बार जब पुलिस जब जालसाज़ के बैंक खातों को फ्रीज़ करवा देती है उसके बाद आपको किसी अनुभवी वकील की मदद लेनी चाहिए, जो आगे का कानूनी प्रोसेस पूरा कर सके।

वकील कोर्ट में एक अर्जी (Amount Recovery application) लगाएगा जिसमें कोर्ट से अनुरोध किया जाएगा कि फ्रीज़ की गई रकम पीड़ित को वापस दी जाए।


🧾 कोर्ट का नियम – क्या जरूरी है?

अगर पुलिस ने मान लीजिए ₹3 लाख रुपये फ्रीज़ करवा दिए हैं, तो कोर्ट उस राशि को पीड़ित को तुरंत नहीं देता। पुलिस की रिपोर्ट कोर्ट में आने के बाद पीड़ित को यह गारंटी देनी होती है की वह इस राशि का असल में स्वय मालिक है , इसके लिए कोर्ट को एक सुरक्षा (surety) की जरूरत होती है।

सुरक्षा Gurantee or Guarantor क्या हो सकती है?

  • कोई व्यक्ति जिसकी गाड़ी की कीमत ₹3 लाख हो और वह कोर्ट को ज़मानत दे।
  • या फिर एक ₹3 लाख का फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) जो बैंक से बनवाया गया हो।

जब यह सुरक्षा कोर्ट में दी जाती है, तब कोर्ट एक आदेश (order) जारी करता है जिसमें पुलिस और बैंक को निर्देश दिया जाता है कि वह पीड़ित को उसका पैसा वापस करें।


✅ संक्षेप में प्रक्रिया:

चरणविवरण
1️⃣साइबर पोर्टल या पुलिस स्टेशन में शिकायत करें
2️⃣पुलिस बैंक अकाउंट को फ्रीज़ करवाती है
3️⃣फ्रीज़ की गई राशि की जानकारी लें
4️⃣वकील के जरिए कोर्ट में अर्जी लगाएं
5️⃣कोर्ट में ज़मानत (surety) जमा करें
6️⃣कोर्ट आदेश देगा और पैसा वापस होगा

⚠️ महत्वपूर्ण सलाह:

  • जितना जल्दी आप शिकायत करेंगे, उतना अधिक पैसा बचने की संभावना होती है।
  • कभी भी डरकर चुप न बैठें, तुरंत कानूनी कार्रवाई शुरू करें।
  • किसी भी भुगतान के लिए अज्ञात कॉल, वीडियो कॉल या दान के नाम पर कॉल से सावधान रहें।

🧑‍⚖️ निष्कर्ष:

अगर आपके साथ साइबर ठगी हुई है, तो आप सिर्फ रिपोर्ट ही नहीं कर सकते बल्कि अपने पैसे कानूनी रूप से वापस भी पा सकते हैं। इसके लिए समय पर शिकायत, पुलिस की जानकारी और वकील की मदद से कोर्ट की प्रक्रिया अपनानी जरूरी है।


📞 अगर आपको किसी साइबर फ्रॉड से जुड़े केस में मदद चाहिए, तो आप Adv. Anurag Bhati से संपर्क कर सकते हैं।
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