Cyber Fraud

साइबर फ्रॉड का नया तरीका: पुलिस अफसर बनकर वीडियो कॉल पर ठगी | सावधान रहें!

🔴 साइबर फ्रॉड का नया तरीका: पुलिस अफसर बनकर वीडियो कॉल पर ठगी | सावधान रहें!
— लेखक: एडवोकेट अनुराग भाटी, www.lawyerhelp.xyz


आजकल साइबर अपराधी हर दिन नए-नए तरीके अपना रहे हैं। लेकिन हाल ही में एक बेहद खतरनाक और डरावना तरीका सामने आया है, जिसमें फ्रॉडस्टर खुद को पुलिस अफसर बताकर लोगों से वीडियो कॉल पर ठगी कर रहे हैं। यह ठगी का तरीका इतना सोचा-समझा और डराने वाला होता है कि कई पढ़े-लिखे लोग भी इसके झांसे में आ जाते हैं।

🚨 कैसे होता है यह साइबर फ्रॉड?

  1. वीडियो कॉल पर नकली पुलिस अफसर बनकर डराना:
    अपराधी पुलिस की वर्दी पहनकर और पीछे जेल या थाने जैसी जगह दिखाकर वीडियो कॉल करते हैं। इससे सामने वाला व्यक्ति डर जाता है और बातों में उलझ जाता है।
  2. कहते हैं – किसी को मत बताना:
    ये ठग सबसे पहले यही कहते हैं कि “यह कॉल गोपनीय है। आप किसी को कुछ मत बताइए।” वे आपको डराते हैं कि अगर आपने किसी से बात की तो मामला और बिगड़ सकता है।
  3. कॉल डिस्कनेक्ट न करने देना:
    फ्रॉडस्टर किसी भी हालत में कॉल कटने नहीं देते। अगर आप बैंक या बाजार में भी जाते हैं, तो वे आपसे कहते हैं कि मोबाइल पॉकेट में रखें लेकिन कॉल चालू रखें। इससे वे आपकी हर बात सुनते हैं और आपको किसी को भी बताने से रोकते हैं।
  4. बैंक ट्रांजेक्शन करवाना:
    वे आपको NEFT/RTGS के ज़रिये अपने बताए गए अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने को कहते हैं। और चूंकि आप डर के माहौल में होते हैं, आप बिना सोचे-समझे ऐसा कर भी देते हैं।
  5. अनाथ बच्चों और वृद्धाश्रम के नाम पर भावनात्मक ठगी : वे कॉल करके कहते हैं कि वे अनाथ बच्चों या वृद्धाश्रम के लिए दान मांग रहे हैं। वे कहते हैं – “आप जितना देंगे, हम बाद में डबल करके लौटा देंगे।”यह एक भावनात्मक जाल होता है, जिससे लोग दया के कारण पैसे भेज देते हैं।
  6. 👉 याद रखें – कोई भी भरोसेमंद संस्था कभी इस तरह कॉल पर डोनेशन नहीं मांगती और न ही पैसे लौटाने का वादा करती है।

🕵️‍♂️ फ्रॉड के बहाने – कैसे डराते हैं ये ठग?

ये अपराधी कई तरह की कहानियां बनाकर डराने की कोशिश करते हैं, जैसे:

  • “आपके आधार कार्ड से फर्जी अकाउंट खुले हैं।”
  • “आपके बैंक अकाउंट में संदिग्ध गतिविधि हो रही है।”
  • “आपका बिजली/गैस/इंटरनेट कनेक्शन कटने वाला है।”
  • “आपके खिलाफ अरेस्ट वारंट है।”
  • “आप पोर्न या गलत वेबसाइट देख रहे थे, अब हम पुलिस और परिवार को बताएंगे।”
  • “हमारे पास सबूत हैं, अगर आपने तुरंत पैसे नहीं भेजे तो बड़ी कार्रवाई होगी।”

यह सब झूठ और डर फैलाने की तकनीक होती है ताकि आप मानसिक रूप से कमजोर पड़ जाएं और पैसे भेज दें।


📞 बार-बार नंबर बदलकर कॉल करना:

एक फ्रॉडस्टर अलग-अलग मोबाइल नंबरों से कॉल कर सकता है। अगर आपने एक नंबर ब्लॉक कर दिया तो वो दूसरे नंबर से फिर कॉल करेगा। कई बार वे अपने गिरोह के अन्य सदस्य को दूसरे अफसर बनाकर भी कॉल करवा सकते हैं।


💹 इन्वेस्टमेंट और हाई रिटर्न स्कीम का लालच:

कुछ फ्रॉडस्टर खुद को शेयर मार्केट एक्सपर्ट या इंवेस्टमेंट सलाहकार बताकर “₹10,000 निवेश करें और ₹1 लाख कमाएं” जैसी स्कीम का झांसा देते हैं। यह भी साइबर ठगी का हिस्सा है।


✅ कैसे बचें इस खतरनाक साइबर फ्रॉड से?

  1. कोई भी अनजान वीडियो कॉल उठाने से पहले सावधानी बरतें।
  2. अगर कोई कॉल करने वाला खुद को पुलिस वाला बताकर पैसे मांगे, तो समझ जाएं कि वह फ्रॉड है।
  3. कभी भी किसी को अपने बैंक डिटेल्स या OTP न दें।
  4. अगर डराने की कोशिश हो, तो तुरंत कॉल काटें और अपने करीबी से बात करें।
  5. ऐसे मामलों में अपने नजदीकी थाने में रिपोर्ट करें या साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।
  6. किसी भी इन्वेस्टमेंट स्कीम को बिना जांचे-परखे पैसा न दें।

🧠 याद रखें – बात छुपाना नहीं, बताना ज़रूरी है!

अगर आपको कोई कॉल आता है जो आपको डराता है, पैसे मांगता है या कहता है कि किसी को न बताएं, तो तुरंत अपने परिवार, मित्र, पड़ोसी, बैंक अधिकारी या वकील से बात करें।

चुप रहना इस फ्रॉड का सबसे बड़ा हथियार है। जब आप बात करेंगे, तभी आप बच पाएंगे।


🚔 अगर शिकार हो गए हैं तो क्या करें?

  • तुरंत बैंक से संपर्क कर ट्रांजेक्शन होल्ड करवाएं।
  • www.cybercrime.gov.in पर जाकर शिकायत दर्ज करें।
  • अपने नजदीकी थाने में FIR दर्ज कराएं।
  • मोबाइल नंबर और व्हाट्सएप चैट/वीडियो कॉल का स्क्रीनशॉट सुरक्षित रखें।

✋ निष्कर्ष:

आज के समय में साइबर अपराधी केवल तकनीक नहीं, आपकी भावनाओं और डर का फायदा उठा रहे हैं। एक सामान्य व्यक्ति के लिए पुलिस वर्दी, जेल की तस्वीरें और धमकी भारी पड़ सकती है। लेकिन अगर आप सतर्क हैं, किसी से सलाह लेते हैं और अपनी बात छुपाते नहीं, तो आप हर फ्रॉड से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।

सावधान रहें – सतर्क रहें – और किसी को बेवकूफ न बनने दें।


🔷 यह लेख एडवोकेट अनुराग भाटी द्वारा जनहित में जारी किया गया है। अधिक जानकारी के लिए विज़िट करें: www.lawyerhelp.xyz

Adv. Anurag Bhati

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